tag:blogger.com,1999:blog-3921968205984284651.post8204379988026231497..comments2023-03-27T00:25:14.185-07:00Comments on नैनीताली और उत्तराखंड के मित्र: वीरेन डंगवाल के स्याही ताल से एक खुबसूरत कविताnainitaalihttp://www.blogger.com/profile/06923222490629292573noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-3921968205984284651.post-21575109148569724002010-02-11T18:40:29.091-08:002010-02-11T18:40:29.091-08:00niceniceRandhir Singh Sumanhttps://www.blogger.com/profile/18317857556673064706noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3921968205984284651.post-22538662863092867572010-01-28T23:55:24.056-08:002010-01-28T23:55:24.056-08:00घूमते घूमते अंतरजाल पर मिल कुछ अपना सा !
बेहद ही ...घूमते घूमते अंतरजाल पर मिल कुछ अपना सा !<br /><br />बेहद ही खूबसूरत !<br />मानो बार बार पढने के बाद मन कुछ देर मौन होना चाह रहा है !<br />कुछ सोचने पर मजबूर!<br />इसे ही लेखनी की जीत कहा जायेगा !Nipun Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/16960357101414101878noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3921968205984284651.post-32868459869735530832009-12-09T17:37:19.863-08:002009-12-09T17:37:19.863-08:00अच्छी कविता
--यह वन में नाचती एक किशोरी का एकांत उ...अच्छी कविता<br />--यह वन में नाचती एक किशोरी का एकांत उल्लास है<br />--निर्विकार चालाकी के साथ ऊन कातते हुए<br />--आधुनिक यात्री कहाँ पहचान पाएगा वह ख़ुद को नेस्तनाबूद कर देने की उस महान यातना को<br />--जा बेटी, जा, वहीं अब तेरा घर होना है<br />इन पंक्तियों ने मंत्रमुग्ध किया।देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.com