Saturday, March 27, 2010

चोर माल ले गए

चोर माल ले गए
लोटे थाल ले गए
मूंग और मसूर की
सारी दाल ले गए|
और हम खड़े खड़े
खाट पर पड़े पड़े,
सामने खुले हुए
किवाड़ देखते रहे,
....कारवां गुज़र गया,
गुबार देखते रहे!

This is what Vineet Joshi said in 1983.

2 comments:

Udan Tashtari said...

चलिये, हम भी गुबार देख रहे हैं...

महेन्द्र श्रीवास्तव said...

रेडियो गिरा गए, फ्यूज भी उड़ा गए
आठ अंडो का बना के आमलेट खा गए
और हम डरे डरे, खाट पर पडे पडे
सामने खुले हुए किवाड देखते रहे।

हाहाहहाहाह बहुत सुंदर