आज जब होली के मौके पर सब लोग अपने पुराने दिनों और जगहों को याद करते हुए एक दूसरो पर अद्रश्य रंग-गुलाल लगाकर खुश हो रहे हैं साथ ही कुछ लोग उदास भी दिखाई दे रहे हैं तब क्यों न मैं भी अपनी पुरानी जगह तथा मित्रों कॊ याद कर खुश हो लूं क्योंकि कल तो न तो मौका मिलेगा और न ही शाम होते-होते देह और दिमाग की हालत शायद ऐसी रह जाएगी कि कुछ लिखने -पढने का काम करने के काबिल कोई रह जाएगा।
सो आज,अभी ,इसी वक्त।
दरअसल, नैनीताल जैसी बला की खूबसूरत जगह में दस बरस बिताने के बाद हर साल होली पर उसकी याद तो आती है, इसके कई कारण हैं -कुछ व्यक्तिगत ,कुछ सामाजिक, कुछ नितांत गोपनीय.आज बहुत दूर से एक भुत पुराने साथी का फोन आया.मैंने वह आवाज लगभग पंद्रह साल के बाद सुनी.नमस्ते ,दुआ सलाम के बाद सीधा सवाल या प्रस्ताव- 'नैनीताल चलें'.यह जानते हुए भी कि हम एक-दूसरे से हजारॊं किलोमीटर दूर से बात कर रहे हैं ,फ़िर भी...
-क्यों?
-क्यॊं,क्या .नैनीताल जाने की भी कोई वजह होती है क्या?
वाकई, सवाल बहुत गंभीर था । नैनीताल जाने की भी कोई वजह होती है क्या? निरुद्देश्यता ही नैनीताल की धुरी है.आज भी आप वहां झील के किनारे माल पर बरसों से निरुद्देश्य घूमते लोगों की एक प्रजाति के दर्शन कर सकते हैं. जिन जगहों- लोगों के बीच आपने एक लंबा वक्त बिताया हो .जहां आपका निर्माण हुआ हो और साथ ही जहां आप बर्बाद भी हुए हों-कुछ हालात-ए-हाजरा के कारण, कुछ दूसरों के कारण,कुछ अपनी आदतॊं के कारण और कुछ जानबूझकर की गई बेवकूफ़ियों के कारण, तो भला ऐसी जगह को कैसे भुलाया जा सकता है?
काम-धाम,रोजी-रोटी,लिखत-पढत,यायावरी-आवारगी आदि-इत्यादि के कारण देश-दुनिया में बिखरे तमाम नैनीतालियॊं को आज होली के मौके पर याद करना अच्छा लग रहा है.वास्तव में इस ब्लाग का निर्माण ही यह सोचकर किया गया था कि नैनीताल से किसी भी रूप में संबद्ध रहे तमाम लोग नराई को सिर्फ़ अतीत के च्युंगम की तरह चुभलायें ही नहीं बल्कि वर्तमान और भविष्य के पथ पर चलते-भागते-उठते-गिरते त्निक देर के लिये सुस्तायें,काम भर आक्सीजन पियें और फिर चलें.मैं स्वयं को दोषी मान रहा हूं कि इसके लिये नियमित लिख नहीं पा रहा हूं.कोशिश रहेगी कि आगे से ऐसा न हो.यह अनुरोध भी है और लोग भी इस पथ के साथी बनें.
हे बहन, हे भाई!
आज कोई गंभीर बात नहीं.आज हॊली है-हो-हो-ली-ली
नराई
सभी नैनीतालियों को होली की बधाई !
जरा-सा रंग- चुटकी भर गुलाल
बने रहें नैनीताली , बना रहे नैनीताल !
3 comments:
सभी मित्रो को होली की बहुत-बहुत शुभ कामना. मै फिल्हाल सोच मे हूँ कि रेंज कैसे बनाया जाय. एक मित्र ने चुकन्दर का जूस सुझाया है.
सभी को होली बहुत बहुत मुबारक हो, हमने तो रंग भी लगा लिया, ठंज़ाई भी पी ली और मजे भी कर लिये। आप लोगों के किया क्या?
आपको भी होली की शुभकामनाएँ ।
घुघूती बासूती
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