ये ब्लॉग प्रवासी उत्तराखंड के लोगो का ब्लॉग है, जो देश -विदेश के हिस्सों मे दुनियाभर मे बिखरे हुए है. एक बड़ा हिस्सा उन भूतपूर्व विधार्थियों का भी है, जो एक अलग सामाजिक-सांस्कृतिक विरासत लिए उत्तराखंड के स्कूल- कोलेजो मे पढने आए और अपने बनने -बिगड़ने की जद्दोजहद मे चाहे आज कुछ भी बने हो, पर उनका मानस विशुद्द रूप से उत्तराखंड की संस्कृति से सरोबार है। इसमे जाती, धर्म, या संकुचित क्षेत्रीयता नही है, और जो भी उत्तराखंड के मित्र यहाँ आना चाहे ईमेल भेजे; nainitaali@gmail.com
Saturday, March 27, 2010
चोर माल ले गए
चोर माल ले गए लोटे थाल ले गए मूंग और मसूर की सारी दाल ले गए| और हम खड़े खड़े खाट पर पड़े पड़े, सामने खुले हुए किवाड़ देखते रहे, ....कारवां गुज़र गया, गुबार देखते रहे!
2 comments:
चलिये, हम भी गुबार देख रहे हैं...
रेडियो गिरा गए, फ्यूज भी उड़ा गए
आठ अंडो का बना के आमलेट खा गए
और हम डरे डरे, खाट पर पडे पडे
सामने खुले हुए किवाड देखते रहे।
हाहाहहाहाह बहुत सुंदर
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