Friday, June 13, 2008

प्रोफेसर डी. डी. पंत जी को श्रदांजली

प्रोफेसर डी. डी. पंत जी का निधन ११ जून को, लगभग नब्बे साल की आयु में हलद्वानी में होने की सूचना कई मित्रो से मिली है। पन्त जी एक जाने माने भोतिक-विज्ञानी थे, और बहुत से पदों को सुशोभित करने के बाद वों कुमाऊं विश्वविधालय के कुलपति बने। उनके जीवन के बारे मे एक बहुत अच्छा लेख मेरे पुराने मित्र श्री आशुतोष उपाध्याय, जो पन्त जी के छात्र भी रहे है, ने अपने ब्लॉग बुग्याल पर पिछले साल सितम्बर मे बड़ी आत्मीयता से लिखा था। फिलहाल उससे ज्यादा जानकारी पन्त जी के बारे मे मेरे पास नही है। और न ही व्यतिगत स्तर पर पन्त जी से मेरी उस तरह की जान पहचान रही है। आशुतोष के लेख के साथ अगर एक और लेख उनके कोई भूतपूर्व छात्र लिखते जिसमे पन्त जी के काम के बारे मे, उनके सारे पर्चो के रेफेरेंसस आदि का एक संकलन बना पाये तो ये पंतजी के लिए एक सच्ची श्र्दान्जली तो होगी ही, पर बहुत से विधार्थियों के लिए भी एक अच्छा रिसोर्स होगा.

पन्त जी को एक साधारण छात्रा की तरह मेने नैनीताल केम्पस मे तीन साल मे कई बार सुना। किसी बड़े मंच पर नही, पर ढेर से छोटे -छोटे कमरों मे, कई तरह के छोटे और बहुत ही छोटे स्तर के प्रोग्रामो मे। कभी "दृष्टिकोण " नाम के स्टडी सर्किल मे , कभी किसी वाद-विवाद प्रतियोगिता के दरमियाँ, कभी हॉस्टल और इंटर-हॉस्टल जैसी छोटी -मोटी पहल के दौरान। किसी भी सकारात्मक पहल के लिए, चाहे वों कितनी ही छोटी क्यों न हो, पन्त जी हमेशा केम्पस के बच्चों के साथ होते थे।
उस जमाने मे पन्त जी रिटायर्ड "प्रोफेसर एमेरिटुस " थे, परन्तु शायद किसी भी दूसरे फुल टाइम प्रोफेस्सर से ज्यादा सक्रिय थे, उनकी उन दिनों की प्रयोगशाला मे भी बेहतरीन काम हुआ, और उसी लैब के नाम से नैनीताल केम्पस की बाहर के एकादमिक सिर्किल मे एक इज्ज़त के साथ पहचान थी। इसका इल्म मुझे नैनीताल छोड़ने के के बाद हुआ, और अब भी उस प्रयोगशाला के जिक्र बिना DSB केम्पस का रेफरेंस अधूरा सा रहता है।
पन्त जी की यादे मेरे मानस मे एक ऐसे अध्यापक की है, जिसने शिक्षा को क्लास रूम से आगे, और पाठ्यक्रम से आगे जा कर देखा, और एक बड़े छात्र समुदाय को जीवन के विभिन्न क्षेत्रो मे आगे बढ़ने का होसला दिया, एक कोहरे और बारिश मे डूबे, रोमानी शहर मे।

- Dr. Sushma Naithani,
Cornell University, Ithaca, New York, USA

1 comment:

Anonymous said...

meri bhee shrdaanjali,
thanks for links


Saurabh